Lekhny POEM-05-Feb-2024

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भली लगती जहाँ आतिथ्य हो अनुराग हो, आध्यात्म   चिंतन   हो! पत्थर की बड़ी महलों से, वह कुटिया भली लगती!              भली लगती शिखर ये आसमां,   ...

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